राजनीति

पूंजीपतियों द्वारा की जा रही भूमि खरीद पर तुरंत रोक लगाई जाए : उपपा

अल्मोड़ा। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने प्रदेश सरकार से उन सभी क्षेत्रों में जहां माफिया, पूंजीपतियों द्वारा जमीनों की अंधाधुंध खरीद की जा रही है। जमीनों की खरीद फरोद पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में सशक्त भू कानून को लेकर पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित करने की घोषणा की है। उपपा ने मांग की है कि इस समिति में राज्य में जमीनों की रक्षा के लिए संघर्षरत एवं जानकार लोगों को भी शामिल करना चाहिए।
उपपा ने कहा कि यदि भू कानून पर निर्णय लेने तक जमीनों की अंधाधुंध खरीद पर रोक नहीं लगाई गई तो समिति का कोई औचित्य ही नहीं रह जाएगा।
यहां जारी बयान में उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार द्वारा बनाए गए असीमित कृषि भूमि की खरीद की छूट देने वाले काले कानून के बाद जमीनों पर बड़े पैमाने पर कब्जे हो रहे हैं। दुर्भाग्य से सरकार ने इस कानून को अब तक ख़ारिज नहीं किया है। न राज्य में पूर्वोत्तर राज्यों व देश के अनेक क्षेत्रों की तरह यहां के प्राकृतिक संसाधनों, समाज व संस्कृति को बचाने के लिए संवैधानिक प्रावधानों (अनुच्छेद 371) में लाने के लिए केंद्र को कोई प्रस्ताव तक नहीं भेजा है। जिस कारण सरकार की मंशा पर जनता में संदेह व्याप्त है की वे सशक्त भू कानून का समर्थन केवल चुनावों में वोट पाने की दृष्टि से कर रहे हैं। उनका राज्य की अस्मिता की रक्षा से कोई लेना देना नहीं है।
उपपा अध्यक्ष ने कहा कि गत चुनाव में भाजपा नेताओं ने नानीसार (अल्मोड़ा) में कांग्रेस सरकार द्वारा जिंदलों को गैरकानूनी रूप से दी गई ज़मीन की जांच व दोषियों की कार्यवाही पर बड़ी बड़ी बात की थी। किन्तु लगभग पिछले पांच वर्षों में उन्होंने इस मामले में कुछ नहीं किया। न ग्रामीणों पर लगाए गए झूठे मुकदमे ही वापस लिए। इससे साफ पता चलता है कि ये सभी लोग मिलजुल कर जमीनें बचाने में लगी जनता को दबाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं।
उपपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर उत्तराखंड सरकार वास्तव में वहां के प्राकृतिक संसाधनों, जमीनों को बचाने के रूप में गंभीर हैं तो उन्हें पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में गठित होने वाली समिति में जनता के लिए संघर्षरत एवं इस मामले में विशेषज्ञता रखने वाले लोगों को शामिल करना चाहिए और समिति को अलग अलग क्षेत्रों पे जाकर जन सुनवाई भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि समिति की रिपोर्ट आने और उसे लागू करने तक बाहरी लोगों द्वारा जमीनों की अंधाधुंध ख़रीद पर रोक नहीं लगाई गई तो सरकार द्वारा समिति बनाने का उद्देश्य ही विफल हो जाएगा।

——————–

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *