पंजाबी गटका एवं संगीतमय सीता स्वयंवर रहे मुख्याकर्षण
ऋषिकेश। सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के दूसरे दिन योग प्रेमियों में खासा उत्साह नजर आया। बृहस्पतिवार को प्रातः हुए योग सत्रों के साथ साथ दिन भर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। पैनल परिचर्चा, पंजाबी गटका नृत्य एवं सीता स्वयंवर की संगीतमय गाथा आदि प्रमुख आकर्षण रहे। ध्यान और अध्यात्म की दुनिया में डुबकी लगा रहे योग प्रेमी विभिन्न कार्यक्रमों में उत्साह के साथ शामिल हुए।
शुरुआत सुबह 2 घंटे तक 6 विख्यात योग स्कूलों ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, राममणि अयंगर स्मृति योग संस्थान, कैवल्यधाम, कृष्णमाचार्य योग मंदिरम और शिवानंद योगा स्कूल के प्रशिक्षकों की मौजूदगी में साधकों के लिए योग शिविरों का आयोजन किया गया। तत्पश्चात आर्ट ऑफ लिविंग ने ध्यान सत्र का आयोजन किया। महोत्सव में आयुर्वेद महाविद्यालय की ओर से नाड़ी परीक्षण सत्र का भी आयोजन किया गया। डा. उर्मिला पांडेय की ओर से कॉस्मिक हिलिंग सत्र का आयोजन किया गया। अपने सत्र में डॉ. पांडेय ने शारीरिक एवं मानसिक रोग सम्बन्धी नकारात्मक ऊर्जा को योग एवं कॉस्मिक हीलिंग के जरिए ख़त्म कर सकारात्मक ऊर्जा में बदलने पर जोर दिया। सत्र में साधकों ने ध्यान योग के जरिए अपने तन मन और आत्मा को पवित्र किया। इसके अलावा आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से जोड़ों के दर्द के लिए विशेष योग सत्र का आयोजित किया गया।
दोपहर में आयोजित सत्र के दौरान विशेषज्ञ डॉ. बेरोनिक निकोलई द्वारा शरीर और मन को शांति प्रदान करने के साथ ही निरोगी रहने हेतु प्रणायाम एवं आसान की विस्तृत जानकारी दी गई। माध्यान सत्र के बाद आयोजित परिचर्चा में योग विशेषज्ञों की उपस्थिति में “उत्तराखण्ड – विश्व की योग राजधानी” विषय पर एक पैनल परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तराखंड राज्य की योग ब्रांड एंबेसडर दिलराज प्रीत कौर, शिवानंद आश्रम की मारिया पॉली, योग एवं कॉस्मिक हीलिंग विशेषज्ञ डॉ उर्मिला पांडेय तथा अष्टावक्र योग में विश्व कीर्तिमान धारक डॉ प्रिया अहूजा ने शिरकत की। इस एक घंटे की परिचर्चा सत्र में विशेषज्ञों ने उत्तराखंड की अनोखी योग विरासत के साथ देश- विदेश से मन की शांति की खोज में आए लोगों को राज्य के द्वारा शरण दिया जाना, बीटल आश्रम, योग द्वारा रोजगार सृजन आदि के विषय पर प्रकाश डाला।
योग महोत्सव के सायंकालीन कार्यक्रमों में भव्य गंगा आरती के बाद संगीतमय गाथा के जरिए कलाकारों द्वारा सीता स्वयंवर की भक्तिमय प्रस्तुति हुई। वहीं एक अन्य कार्यक्रम में युवा कालाकारों ने पंजाबी गटका की रोमांचकारी प्रस्तुति दी जिसमें नृत्य एवं भारतीय मार्शल आर्ट का समावेश था।