सही माप, गुणवत्ता व शुद्ध सामान लेना उपभोक्ता का अधिकार -प्रो.करुणा चांदना
“उपभोक्ता की चुनौतियाँ व समाधान” पर गोष्ठी सम्पन्न
देहरादून। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “उपभोक्ता की चुनौतियाँ व समाधान” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन ज़ूम पर किया गया। साथ ही महर्षि दयानंद के अनन्य भक्त प.चमूपति की 128वी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मुख्य वक्ता प्रो.करुणा चांदना ने कहा कि सही माप तोल,शुद्ध सामान प्राप्त करना उपभोक्ता का अधिकार है, इसके लिए उपभोक्ता को जागरूक होना पड़ेगा। उपभोक्ताओं के हित में आवश्यक है कि वह उपकरण सही हो, जिससे उपभोक्ताओं को वस्तु सही मात्रा में प्राप्त हों। जिसके लिए वे भुगतान करते हैं। व्यापार और वाणिज्य में प्रयुक्त बाट तथा माप उपकरणों में किसी प्रकार की अशुद्धता के कारण उपभोक्ता को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता के रूप में अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना और समस्या का हल न होने पर शिकायत करना जानना व समझना आवश्यक है। जिससे गुणवत्तापूर्ण वस्तु अपने पैसों के बदले ले सके।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि महर्षि दयानंद के अनन्य भक्त पं. चमूपति जी की 128 वीं जयंती पर हम नमन करते हैं। उन्होंने आर्य समाज व वैदिक धर्म का उलेखनीय प्रचार किया। आजादी से पूर्व भारत के एक पिछड़े मुस्लिम राज्य बहावलपुर,जो अब पाकिस्तान में है, वहां पं. चमूपति का 15 फरवरी, सन् 1893 को जन्म हुआ था। पं. चमूपति बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। 15 जून सन् 1937 को 44 वर्ष की आयु में पं. चमूपति की मृत्यु हो गयी। वे देशभक्त, वैदिक विद्वान, कवि, लेखक, उपदेशक, प्रचारक, ईश्वर-वेद-दयानन्द-भारत भक्त, आचार्य, तपस्वी और सच्चे ईश्वर उपासक थे। आर्य जगत के महान संन्यासी स्वामी श्रद्धानन्द उन्हें आर्य समाज का दूसरा प. गुरुदत्त विद्यार्थी मानते थे।
कार्यक्रम अध्यक्ष केनरा बैंक की फाइनेंसियल लिटरेरी काउंसलर अनिता रेलन ने कहा कि उपभोक्ताओं को सबसे बड़ा अधिकार यह मिला है कि कोई भी व्यक्ति यदि शिकायत करता है तो 21 दिन के भीतर उसकी शिकायत स्वत: दर्ज हो जायेगी।उपभोक्ता किसी उत्पाद से खुद को किसी भी प्रकार का नुकसान होने या उत्पाद में खराबी निकलने पर निर्माता या विक्रेता के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है ।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 के निर्माण की जरूरत इसलिए पड़ी ताकि उपभोक्ताओं की मुश्किलों को आसानी तथा तेज़ी से सुना जा सके तथा उपभोक्ताओं को संरक्षण मिल सके। वह खुद एक सादे कागज पर शिकायत लिखकर अपना केस लड़ सकता है। योगाचार्य सौरभ गुप्ता ने कहा कि आज उपभोक्ता जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावट, अधिक दाम, कम नाप-तौल इत्यादि संकटों से घिरा है।ऐसे में हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है।
गायिका मधु खेड़ा,किरण सहगल,रविन्द्र गुप्ता,संतोष आर्या,संतोष जसूजा,कुसुम भण्डारी,जनक अरोड़ा,डॉ रचना चावला, संध्या पाण्डेय,मृदुला अग्रवाल, ईश्वर देवी आर्या,बिन्दु मदान आदि ने अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर आचार्य महेन्द्र भाई, ईश कुमार आर्य, देवेन्द्र भगत,देवेन्द्र गुप्ता,विजय हंस,ललित बजाज,वीना वोहरा आदि उपस्थित थे।
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