विरासत में भोजपुरी गायक मनोज तिवारी ने लगाए चार चांद
देहरादून। विरासत महोत्सव की महफिल में भोजपुरी गायक व अभिनेता ने अपने गीतों की प्रस्तुति से चार चांद लगा दिए। मनोज तिवारी के भोजपुरी गीत-चदरिया झीनी रे झीनी…..झीनी रे झीनी पर मस्त होकर जमकर झूमे लोग। भोजपुरी के मशहूर गायक मनोज तिवारी के भोजपुरी गीत विरासत के मेहमानों के लिए बहुत ही पसंदीदा बने। उन्होंने निमिया के डाल मईया लावेली झुलुहवा हो की झूली रे झूली…अरे, अइसन मनोहर, मंगल मूरत सुहावन, सुंदर सूरत हो, ए राजा जी…ए राजा जी…ए राजा जी, एकरे त रहल… के साथ बिहार के लोकप्रिय पर्व छठ के ऊपर भी.. हे छठी मैया.. गाना गया। ठंडो रे ठंडो, मेरा पहाड़े की हवा ठंडी, पाणी ठंडो..ठंडो रे ठंडो, मेरा पहाड़े की हवा ठंडी, पाणी ठंडो…. पहाड़ी गाना गया।
उनके साथ संगीतकारों की एक कुशल टीम ने साथ दिया। संगीतकार बैंजो पर शंकर वर्मा, कीबोर्ड पर बबलू आलम, पैड पर वीरेंद्र श्रीवास्तव, पर्क्यूशन और टीम मैनेजर प्रभुनाथ राय दधी तबला पर, ज्ञान मिश्रा ढोलक पर, मोतीलाल शर्मा कोरस पर, वायरल विकास और लालू प्रसाद रहे।
जाने माने मनोज तिवारी मनोरंजन उद्योग और भारतीय राजनीति दोनों में एक प्रमुख व्यक्ति हैं, जिन्हें गायक, अभिनेता और राजनीतिज्ञ के रूप में उनके बहुमुखी योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने शुरुआत में अपने भोजपुरी संगीत के माध्यम से व्यापक पहचान हासिल की। “रिंकिया के पापा” जैसे हिट गानों के साथ एक घरेलू नाम बन गए, जिसने पूरे भारत में भोजपुरी संगीत को लोकप्रिय बनाने में मदद की। उनकी संगीत की सफलता ने उनके अभिनय करियर का मार्ग प्रशस्त किया, जहाँ उन्होंने कई भोजपुरी फ़िल्मों में अभिनय किया, जिसने भोजपुरी फ़िल्म उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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