एक साल बाद कालेजों में लौटी रौनक
पहले दिन छात्रों संख्या बढऩे से कालेजों में रही चहल पहल
सरकार की गाइड लाइन का रखा जा रहा है ध्यान
देहरादून। उच्च शिक्षण संस्थानों में करीब एक साल के लम्बे इंतजार के बाद रौनक लौट आई है। राजधानी के महाविद्यालयों में छात्र-छात्राआें की खासी चहल-पहल रही। सरकार के हरी झंडी मिलने के बाद पहले ही दिन से ऑफ लाइन क्लास भी शुरू हो गई है।
वैश्विक महामारी कोरोना के चलते करीब एक साल से डीएवी, डीबीएस, एमकेपी, एसजीआरआर पीजी कालेज, रायपुर महाविद्यालय छात्र-छात्राआें से गुलजार नजर आये। क्लास रूम से लेकर पुस्तकालय, प्रयोगशाला व एडमिशन काउंटरों पर छात्र-छात्राआें की खासी चहल पहल रही। छात्र-छात्राएं एडमिशन से लेकर दोस्तों के साथ चर्चा में मशगूल थे। वहीं पहले दिन से सभी महाविद्यालयों में आफ लाइन क्लास भी शुरू हो गई। क्लास रूम में पढ़ाई के दौरान छात्र-छात्राआें के बीच सोशल डिस्टेंश पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सोमवार को महाविद्यालयों में करीब 5० प्रतिशत छात्र-छात्राआें की उपस्थिति रही। डीबीएस कालेज में तृतीय व पंचम सेमेस्टर के अधिकांश छात्र-छात्राओं ने परीक्षा फार्म भरा। डीबीएस के प्राचार्य डा. वीसी पाण्डेय ने कहा कि सरकार की गाइड लाइन के अनुसार कक्षाआें का संचालन शुरू हो गया है। मास्क लगाने समेत सोशल डिस्टेंश पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही सभी विभागों व कार्यालय में सैनिटाइजर भी रखा गया है। एसजीआरआर पीजी कालेज के प्राचार्य प्रो. वीए बौड़ाई ने कहा कि कालेज पहले की भांति खुल गए है। कालेज में सभी गतिविधियां पहले की भांति सामान्यतौर पर संचालित की गई। वहीं डीएवी पीजी कालेज में चीफ प्रोक्टर डा. अतुल सिंह अगुआई प्रोक्टोरियल बोर्ड से जुड़े शिक्षकों ने मास्क न लगाने पर टोकाटाकी की और छात्रोंं को अनिवार्य रूप से मास्क लगाने के लिए प्रेरित किया। चीफ प्रोक्टर डा. अतुल सिंह ने बताया कि क्लास रूम को पहले ही सैनिटाइज कर दिया गया था। महाविद्यालयों को पहले की भांति संचालित करने के निर्देश जारी होने के बाद ऑन लाइन क्लास पूरी तरह बंद कर दी गई है। साथ ही सभी महाविद्यालयों में सोमवार से आफ लाइन क्लास शुरू हो गई। पहले ही क्लासों में छात्र-छात्राआें की संख्या कम नजर आई, लेकिन धीरे-धीरे छात्र-छात्राआें की संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है। विदित हो कि कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन होने के बाद सभी महाविद्यालयों को बंद कर दिया गया था। साथ ही छात्रों का साल बचाने के लिए ऑन लाइन क्लास शुरू हो गई है। स्थिति में सुधार होने के बाद पहले प्रयोगात्मक क्लास शुरू की गई । इसके बाद शासन ने पहले की भांति ही कालेजों का संचालित करने का निर्देश जारी कर दिया था।
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