उत्तराखंड

घाट के आंदोलनकारियों पर लाठी चार्ज, सीएम ने दिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश, देखें वीडियो ।

आंदोलनकारी तथा पुलिस के लोग हुए चोटिल
एक महिला की आंख पर आई गंभीर चोट
गैरसैंण। नंदप्रयाग—घाट डेढ़ लेन सडक़ चौड़ीकरण की मांग को लेकर विधान सभा का घेराव करने जा रहे आंदोलनकारी तथा पुलिस के बीच जोरदार झड़प हुई। इसके चलते पुलिस ने जमकर लाठी भांजी। इसमें दोनों पक्षों के 2 दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गए। फाली गांव की बसंती देवी की आंख पर गंभीर आई तो प्रदर्शनकारियों ने महिला को किसी वाहन से वापस भेज दिया। इस घटना में व्यापार संघ घाट के अध्यक्ष चरण सिंह नेगी चोटिल हुए हैं तो विजार निवासी सुरेंद्र सिंह डुंगरियाल, दिनेश रावत, देवेंद्र सिंह, दीपक रतूड़ी आदि जख्मी हुए। इस दौरान कई पुलिस कर्मियों को भी चोटें आई हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिवाली खाल में घाट ब्लॉक के लोगों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज की मजिस्ट्रेट जांच कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों व पुलिस प्रशासन के बीच घटित घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और इसको गंभीरता से लिया गया है। संपूर्ण घटना की मजिस्ट्रेट जांच कराने के निर्देश दे दिए हैं। दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा।

पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार नंदप्रयाग—घाट डेढ़ लेन सडक़ चौड़ीकरण की मांग को लेकर विधान सभा का घेराव करने घाट तथा कर्णप्रयाग ब्लाक के लोग वाहनों में भर कर भराड़ीसैंण जा रहे थे कि पुलिस ने जंगलचट्टी बैरिकेटिंग पर ही आंदोलनकारियों को रोक दिया। इस दौरान ग्रामीण आगे बढऩे की जिद्द पर अड गए। इसी जिद्द के चलते आंदोलनकारी ग्रामीणों ने बैरिकेटिंग को भी हटाने का प्रयास किया। इसी बीच पुलिस ने पानी की बौछारें शुरू कर दी। इसके बावजूद भी ग्रामीण नहीं माने और किसी तरह पैदल ही आगे बढ़ गए। इस दौरान सैकड़ों वाहन दोनों आेर जंगलचट्टी में फंस गए। अधिकांश ग्रामीण तो अपने वाहनों में ही बैठ गए लेकिन ज्यादातर आंदोलनकारी पैदल ही नारेबाजी के बीच दिवालीखाल की आेर बढ़ गए। दिवालीखाल पहुंचने पर पुलिस ने उन्हें भराड़ीसैंण जाने से रोकने का प्रयास किया किंतु आंदोलनकारी ग्रामीण अपनी जिद्द पर अड़ कर विधान सभा घेराव करने आगे निकलने लगे। इस पर पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल तो किया। इसके बावजूद भी आंदोलनकारी आगे बढऩे पर अड़ गए। इस बीच पुलिस तथा आंदोलनकारियों के बीच जमकर झड़प होने लगी। देखते ही देखते प्रदर्शन कर रहे लोग बैरिकेट लांग कर सरकार विरोधी नारों के साथ विधान सभा की आेर बढ़ गए। हालांकि दिवालीखाल में पुलिस का सख्त पहरा पहले से ही था किंतु मालसी से पुलिस द्वारा घेराव करने जा रहे लोगों की संख्या अधिकाधिक बताए जाने पर सुरक्षा बल यकायक बढ़ा दिया गया। भारी संख्या में दिवालीखाल बैरियर पर पहुंचे प्रदर्शनकारियों का गुस्सा देख सहमी पुलिस ने भी तेवर कड$े कर दिए। पानी की बौछार के साथ यकायक लाठी चार्ज होने लगा तो कई लोगों पर दौड़ा—दौड़ा कर लाठियां भांजी गई। इसमें कई बुजुर्ग भी शामिल रहे। इस बीच विधान सभा घेराव करने जा रहे लोगों की आेर से पथराव भी किया जाने लगा। इससे मामला तनावपूर्ण हो गया और दोनों पक्षों के 2 दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए।

दिलचस्प बात यह भी रही कि कांग्रेस, उक्रांद तथा सीपीआई माले के कार्यकर्ता भी आंदोलनकारियों के साथ सुर में सुर मिलाते हुए भराड़ीसैंण तक गए। हालांकि भराड़ीसैंण में इन दलों के लोग अपने अपने कार्यक्रमों में शामिल हो गए। आंदोलनकारियों से दिवालीखाल में वार्ता करने पहुंचे उप जिला मजिस्ट्रेट कौस्तुभ मिश्र ने मांग पत्र लेकर विधान सभा को भेजा।
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