देहरादून

10 शिल्पियों को मिला उत्तराखंड शिल्प रत्न पुरस्कार

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून के रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल मैदान में आयोजित स्टेट हैंडलूम एक्सपो में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एक्सपो में लगी विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण कर शिल्पियों, बुनकरों एवं लघु उद्यमियों का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दस लोगों को उत्तराखंड शिल्प रत्न पुरस्कार भी प्रदान किए। इसके तहत एक लाख रुपए की धनराशि, प्रशस्ति पत्र एवं अंग वस्त्र दिए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेट हैंडलूम एक्सपो अपने-आप में विशिष्ट है, क्योंकि इसका स्वरूप जहां एक ओर मेले जैसा है वहीं यह व्यापारिक और स्वरोजगार के क्षेत्र में कार्य कर रहे युवाओं और महिलाओं को अपने कार्य का प्रदर्शन करने हेतु एक विशिष्ट मंच भी प्रदान करता है। मुख्यमंत्री ने शिल्प रत्न एवं हथकरघा, हस्तशिल्प एवं लघु उद्यम क्षेत्र में पुरस्कृत सभी उत्कृष्ट कार्य कर रहे शिल्पियों, बुनकरों एवं लघु उद्यमियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से जहां एक ओर स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने का मौका मिलता है वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिए गए ’’आत्मनिर्भर भारत’’ के मंत्र को भी मजबूती मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के स्टेट हैंडलूम एक्सपो के माध्यम से व्यापारियों, कलाकारों, कारीगरों आदि को परस्पर अनुभवों के आदान-प्रदान में भी सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि एक्सपो में महिला समूहों द्वारा विभिन्न स्टॉलों का संचालन व गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का विपणन आर्थिक सशक्तता की ओर महिलाओं की रुचि को भी प्रदर्शित करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति को आप हैंडलूम में उकेरिए और देखिए बाजार अवश्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे पिछौडे के डिजाइन की अलग पहचान है। इसकी बहुत मांग है और यह मांग देश ही नहीं दुनिया भर में बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां की टोपी को आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने जब से पहना है वो पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं लंदन और दुबई के दौरे पर गया तो वहां पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने इस टोपी को पहनकर स्वागत किया। यह दर्शाता है कि हमारे उत्पाद पूरी दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।  मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात, मुंबई, बैंगलोर सहित अन्य स्थानों पर भी जब हम गए तो लोगों के सिर पर उत्तराखंड की टोपी थी और उस पर ब्रह्म कमल का चिन्ह बना हुआ था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थानीय शिल्प उत्पादों के विकास एवं विपणन के प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार की विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है जिसमें शिल्पी पेंशन योजना, शिल्प रत्न पुरस्कार, मेला एवं प्रदर्शनी एवं केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना प्रमुख हैं। हमारी सरकार हथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिल्पियों के मान सम्मान के लिए भी प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए अत्यन्त हर्ष का विषय है कि उत्तराखण्ड ने राज्य में उत्पादित, निर्मित 9 हस्तशिल्प उत्पादों ने जीआई टैग प्राप्त किये हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम राज्य के लोगों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। यह प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व का ही कमाल है कि आज वैश्विक पटल पर हमारा देश विश्व को एक नई दिशा दिखाने का काम कर रहा है। प्रधानमंत्री का हमारी देवभूमि के प्रति विशेष लगाव रहा है और इसे हमारे यहां केंद्र सरकार द्वारा संचालित हो रही विशिष्ट परियोजनाओं के माध्यम से समझा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के विकास का कार्य जो पहले एक सपना मात्र लगता था वह आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जमीन पर संभव होता दिख रहा है। आज के आधुनिक युग में भी प्रत्येक उत्तराखंडी अपनी संस्कृति से जुड़ा हुआ है। आज का यह हैंडलूम एक्सपो, अपनी जड़ों से जुड़े रहने की हमारी इसी जिद को प्रदर्शित कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि एक समृद्धशाली उत्तराखंड के निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि इस प्रकार के आयोजन प्रदेश में प्रत्येक स्थान पर निरंतर होते रहें।
इस अवसर पर विधायक राजपुर रोड खजान दास, राज्य स्तरीय महिला उद्यमी परिषद की उपाध्यक्ष विनोद उनियाल , सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय आदि उपस्थित रहे।

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