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संस्कृत विद्यालयों में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाएगा : डॉ. घिल्डियाल

देहरादून। प्रदेश की द्वितीय राजभाषा होने के बावजूद संस्कृत विद्यालयों में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक पदों पर वर्षों से भर्ती न होने से व्यवस्था गड़बड़ा रही है जिन्हें शीघ्र भरकर व्यवस्था को सुधारा जाएगा। उक्त विचार उत्तराखंड शासन द्वारा नवनियुक्त सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने राजपुर रोड देहरादून में आर्ष कन्या गुरुकुल महा विद्यालय में संस्कृत भारती द्वारा आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी का मुख्य अतिथि के रूप में दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि विज्ञान और वेदांत में सम्यक अध्ययन होने की वजह से भारत एक दिन विश्व गुरु की उपाधि से विभूषित था और यदि इस प्रकार की प्रदर्शनी समय-समय पर लगाई जाती हैं तो छात्र छात्राओं और आम जनता में संस्कृत की वैज्ञानिकता उजागर होगी तो भारत को विश्वगुरु होने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ यह आवश्यक है कि रोजगार के अवसर पैदा किए जाएं और उसके लिए सबसे पहले संस्कृत विद्यालयों में लंबे समय से रिक्त चल रहे शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती की जाएगी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जिस आशा और अपेक्षा के साथ शासन ने उन्हें जिम्मेदारी सौंपी है वह उस पर द्रुतगति से कार्य करते हुए संस्कृत भाषा के खोए हुए सम्मान को पुनर्स्थापित करने के लिए पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में दी जा रही समस्त सुविधाओं को संस्कृत विद्यालयों में भी शुरू किया जाए। इसके लिए भी वह शासन स्तर पर प्रयास करेंगे इसके लिए उन्होंने संस्कृत शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग में ठोस समन्वय बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

कार्यक्रम में पहुंचने पर मुख्य अतिथि डॉक्टर चंडी प्रसाद का बैच अलंकरण अंग वस्त्र देकर गर्मजोशी से स्वागत करते हुए संस्कृत भारती के प्रांतीय मंत्री संजू प्रसाद ध्यानी ने कहा कि डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल जैसे कुशल प्रशासक को देहरादून जनपद की जिम्मेदारी देकर शासन ने संस्कृत भाषा के उद्धार के कपाट खोल दिए हैं। उन्होंने कहा कि लगातार 10 वर्षों तक उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित संस्कृत प्रतियोगिताओं का संयोजन कर जिस कुशलता के साथ डॉक्टर घिल्डियाल ने कार्य किया है वह काबिले तारीफ है,। उन्होंने विभिन्न उदाहरण देकर डॉ घिल्डियाल की प्रशासनिक क्षमता की प्रशंसा की।
महाविद्यालय की सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉक्टर अन्नपूर्णा ने मुख्य अतिथि से विद्यालय में वर्षों से पूर्व मध्यमा और उत्तर मध्यमा की मान्यता न मिलने की समस्या को हल करने का आग्रह किया।जिस पर उन्होंने शीघ्र प्रस्ताव निदेशालय को भेजने की बात कही।

इस अवसर पर संस्कृत भारती के कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न विषयों पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करते हुए प्रदर्शनी लगाई गई। जिसका मुख्य अतिथि ने स्वयं निरीक्षण कर प्रशंसा की। इस मौके पर श्रीमती आरती घिल्डियाल, संस्कृत प्रतियोगिताओं के टिहरी जनपद संयोजक दाताराम पोरवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय बौद्धिक प्रमुख सुशील कुमार, संस्कृत भारतीअभ्यास वर्ग के प्रमुख संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अरविंद नारायण मिश्रा, संस्कृत प्रतियोगिताओं के पौड़ी जनपद संयोजक रोशन गौड़ सहित सभी प्रतिभागी उपस्थित थे।

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