देहरादून

विस पर गरजे राज्य आंदोलनकारी, शहरी विकास मंत्री से वार्ता

पुलिस ने रिस्पना से पहले लगाए गए बैरिकेडिंग पर रोका, हुई नोंकझोंक
राज्य सरकार पर वादाखिलाफी करने का आरोप, सीएम आवास घेराव की चेतावनी
देहरादून । दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू करने, मुजफ्फरनगर, मसूरी व खटीमा गोलीकांड के दोषियों को सजा देने समेत नौ सूत्री मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने बुधवार को विधानसभा कूच किया। राज्य आंदोलनकारी मंच के बैनर तले विस कूच कर रहे राज्य आंदोलनकारियों को पुलिस फोर्स ने रिस्पना पुल से पहले लगाए गए बैरिकेडिंग पर रोक दिया। इस दौरान राज्य आंदोलनकारियों व पुलिस फोर्स के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई। पुलिस के रवैये से नाराज राज्य आंदोलनकारियों ने बैरिकेडिंग के पास ही धरना देकर सरकार की नीतियों के विरोध में नारेबाजी की।
कुछ देर बाद राज्य आंदोलनकारियों के पांच सदस्यीय शिष्टमंडल को विस में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से वार्ता करने का बुलावा आया। शिष्टमंडल में मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह रावत, रविन्द्र जुगरान, वेद प्रकाश शर्मा, बाबी पंवार व सुलोचना भट्ट शामिल रही। इस दौरान शहरी विकास मंत्री ने राज्य आंदोलनकारियों की मांगों को जायज माना। आश्वासन दिया कि इस संर्दभ में राज्य आंदोलनकारियों की वार्ता मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से कराई जाएगी। ताकि मांगों का समाधान हो सके। इधर, आेमी उनियाल, धीरेन्द्र प्रताप व प्रदीप कुकरेती के नेतृत्व में तमाम राज्य आंदोलनकारी बैरिकेडिंग के पास धरने पर डटे रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार राज्य आंदोलनकारियों की उपेक्षा कर रही है। कहा कि एक साल पहले भी राज्य आंदोलनकारियों ने विस का घेराव किया था। तब भी राज्यमंत्री धन सिंह रावत व विधायक विनोद चमोली से वार्ता हुई थी। भरोसा दिया गया था बीस दिन के भीतर त्रिपक्षीय वार्ता कराई जाएगी। लेकिन स्थिति जस की तस है।
कहा कि सरकार बार-बार वादाखिलाफी कर रही है। यदि अब भी सरकार अपने वायदे पर खरी नहीं उतरी तो राज्य आंदोलनकारी सीएम आवास का घेराव करेंगे। विस कूच करने वालों में जगमोहन सिंह रावत, रविन्द्र जुगरान, वेद प्रकाश, आेमी उनियाल, धीरेन्द्र प्रताप, प्रदीप कुकरेती, पूरण सिंह लिंगवाल, जबर सिंह पावेल, डीएस गुसाईं, विक्रम भंडारी, मोहन रावत, जयदीप सकलानी, लक्ष्मी प्रसाद, बाबी पंवार, नमन चंदौला, प्रभा नैथानी, सुलोचना भट्ट, जगदीश चौहान, भूपेन्द्र सिंह नेगी, नीरज भंडारी, विरेन्द्र सकलानी, विकास रावत, प्रेम सिंह नेगी, लोक बहादुर आदि राज्य आंदोलनकारी शामिल रहे।

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