यूकेडी की कमान फिर काशी सिंह ऐरी के हाथ
दून में आयोजित अधिवेशन में सर्वसम्मति से चुने गए दल के केंद्रीय अध्यक्ष
पुरानी गलतियों को नहीं दोहराने व दल को मजबूत करने का किया दावा
पहले व दूसरे सत्र में राज्य के संर्दभ में 18 राजनीतिक प्रस्ताव पारित
देहरादून । उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) की कमान एक बार फिर वरिष्ठ नेता काशी सिंह ऐरी के हाथ में आ गई है। शनिवार को देहरादून के एक वेडिंग प्वाइंट में शुरू हुए दल के दो दिवसीय अधिवेशन में श्री एेरी को सर्वसम्मति से यूकेडी का नया केंद्रीय अध्यक्ष चुना गया है। निर्वाचन अधिकारी इंद्र सिंह मनराल व सह निर्वाचन अधिकारी विजय बौड़ाई ने उनके नाम का एेलान किया है। इससे पहले दल के संरक्षक बीडी रतूड़ी ने केंद्रीय अध्यक्ष के लिए काशी सिंह ऐरी के नाम का प्रस्ताव रखा। जिसका अनुमोदन निवर्तमान केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट, त्रिवेन्द्र सिंह पंवार, डा. नारायण सिंह जंतवाल, पुष्पेश त्रिपाठी, एपी जुयाल, हरीश पाठक, चंद्रशेखर कापड़ी व सुरेन्द्र कुकरेती ने किया। इसके बाद उन्हें सर्वसम्मति से दल के केंद्रीय अध्यक्ष चुना गया है।
इस अवसर पर श्री एेरी ने सभी कार्यकर्ताआें का आभार जताया। कहा कि जो गलतियां अब तक हुई हैं उन्हें दोहराया नहीं जाएगा। दल के प्रति सभी की जबावदेही तय होगी। पदाधिकारियों व कार्यकर्ताआें का आकलन उनके संगठन की मजबूती के लिए उनके द्वारा किए कार्यों के अनुसार किया जाएगा। इससे पूर्व आहूत अधिवेशन के पहले व दूसरे सत्र में विभिन्न बिंदुआें पर चर्चा की गई। दल की द्विवार्षिक रिपोर्ट सदन के पटल पर रखने के उपरांत जिलों से आए अध्यक्षों ने भी अपने—अपने जनपद की रिपोर्ट प्रस्तुत की। आगामी विस चुनाव से पहले दल को गांव स्तर तक मजबूत करने पर सभी ने जोर दिया। दूसरे सत्र में 18 राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए गए। जिसमें गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी घोषित करना, मूल निवास को वर्ष 1950 से लागू करना, राज्य के मूल निवासियों को नौकरी में 7 फीसद आरक्षण का लाभ देना, राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ देना, सख्त भू—कानून लागू करना, पर्यटन व तीर्थाटन को उद्योग का दर्जा देना, समूह ग की भर्ती लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर करना, पुलिस कर्मियों का ग्रेड वेतन बढ़ाना आदि शामिल रहे।
इस अवसर पर दल के शीर्ष नेताआें ने अपने संबोधन में कहा कि दल की मजबूती के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करना होगा। वर्तमान में राज्य के सामने जो चुनौतियां हैं उनसे राज्य को बचाना होगा। जनहित के मुद्दों को निरंतर संघर्ष करने का आह्वान भी किया गया। कहा कि राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों द्वारा प्रदेश की जनता को गुमराह किया जा रहा है। यहां के प्राकृतिक संसाधनों की खुली लूट की जा रही है। एेसे में यूकेडी के हर एक कार्यकर्ता का कर्तव्य है कि जनता के साथ खड़ा होकर इन राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों को मुंहतोड़ जबाव दिया जाए। अधिवेशन में अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा कर अग्रिम रणनीति तैयार की गई। कार्यक्रम का संचालन निवर्तमान महामंत्री बहादुर सिंह रावत व किशोरी नंदन डोभाल ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर दल के वरिष्ठ नेता सुरेन्द्र कुकरेती, मोहन काला, जय प्रकाश, सुनील ध्यानी, शिव प्रसाद सेमवाल, डीडी जोशी, दीपक रावत, गणेश काला, प्रमिला रावत, शांति प्रसाद भट्ट, एनके गुसाईं, शैलेश गुलेरी आदि भी मौजूद रहे।
—————————————-