उत्तराखंड

बच्चों पर हमला करे गुलदार तो रेंजर व डीएफओ होंगे जिम्मेदार

मानव सुरक्षा के लिए विभिन्न विभागों के समन्वय से टास्क फोर्स बने
-वन क्षेत्र में अवैध खनन एवं अवैध पातन पर सख्त कारवाई की जाएं
-जंगलों में आग की घटनाओ को रोकने के लिए प्रभावी प्रयास करें
देहरादून।  मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यदि किसी क्षेत्र में किसी बच्चे पर गुलदार आक्रमण करता है, तो इसके लिए संबंधित क्षेत्र के वनाधिकारी एवं डीएफआे की जिम्मेदारी तय की जाय। गुलदार के मानव संघर्ष से संबंधित चिह्नित स्थानों के लिए एक्शन प्लान बनाया जाए। सोमवार को सचिवालय में वन विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि गुलदार एवं अन्य वन्य जीवों के आक्रमण से मानव सुरक्षा के लिए विभिन्न विभागों के समन्वय से एक टास्क फोर्स बनाई जाए। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में अवैध खनन एवं अवैध पातन पर सख्त कारवाई की जाय। वनागि की घटनाआें को रोकने के लिए प्रभावी प्रयास किये जाय। वनों के संरक्षण एवं वनाग्नि को रोकने के लिए वन विभाग द्वारा जन जागरूकता के साथ जन सहभागिता पर भी विशेष ध्यान दिया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों के संरक्षण, मानव एवं वन्यजीवों के संघर्ष को कम करने, भूस्खलन को कम करने के लिए वन विभाग द्वारा इनोवेटिव प्रयास किये जाय। इनोवेटिव कार्यों के लिए वन विभाग के अधिकारियों को लक्ष्य दिया जाए। जंगली जानवरों से किसानों को नुकसान न हो, इसके लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो भी कार्य किये जा रहे हैं, वह धरातल पर दिखें।
बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू, अपर मुख्य सचिव  आनंद बद्र्धन, प्रमुख वन संरक्षक  विनोद कुमार सिंघल, महाप्रबंधक वन निगम डीजेके शर्मा, प्रमुख वन संरक्षक ज्योत्सना सितलिंग एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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