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कोरोनाकाल में स्कूल खोलने पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

नैनीताल। कोरोना काल में दो अगस्त से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोले जाने के कैबिनेट के निर्णय एवं 31 जुलाई के शासनादेश को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका के मामले में नैनीताल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार का जवाब तलब कर दिया है। इसके लिए सरकार को 17 अगस्त तक का समय दिया गया है।
बुधवार को हरिद्वार निवासी विजय पाल की एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की संयुक्त खंडपीठ ने किया। याचिकाकर्ता का कहना है कि 3१ जुलाई के शासनादेश में कई तरह की खामियां हैं। क्योंकि पहाड$ी क्षेत्र के स्कूल इन मानकों को पूरा नहीं कर सकते हैं। शासनादेश में लिखा है कि स्कूल दो पालियों में खोले जाएंगे। पहली पाली में 9 से 12 तक कक्षाआें के बच्चे शामिल होंगे। इनकी कक्षाएं चार घंटे चलेंगी। दूसरी पाली में 6 से 8 तक की कक्षाएं चलेंगी। मध्याह्न में कक्षाआें को पूर्ण रूप से सेनेटाइज किया जाएगा। शनिवार एवं रविवार को सारा स्कूल सेनेटाइज जिला प्रशाशन, नगर पालिका व स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से होंगे। इसकी जिम्मेदारी प्रत्येक जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी की होगी। याचिकाकर्ता का कहना है कि पहाड़ी इलाकों और गैर नगरीय क्षेत्रों में इस आदेश का पालन करना नामुकिन है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि कैबिनेट के एक निर्णय से दो अगस्त से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोल दिए गए हैं। 16 अगस्त से कक्षा छह से बारहवीं तक के स्कूल खोलने जा रही है। प्रदेश में कोरोना के केस अभी भी मिल रहे हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य के पहाड$ी क्षेत्रों में अभी भी कितने लोगों को वैक्सीन की पहली डोज तक नहीं लगी है। इस कारण सरकार द्वारा स्कूल खोले जाने का निर्णय गलत है। याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया है कि जब शहरों में एसआेपी का पालन नहीं हो पा रहा है तो स्कूलों में कहां से होगा
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