देहरादून

छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर मोबाइल टावर पर चढ़े दो छात्र

देहरादून। उत्तराखंड के महाविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव की घोषणा और आयु सीमा दो साल बढ़ाने की मांग को लेकर छात्र संगठनों ने डीएवी पीजी कॉलेज के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर कॉलेज गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए और राज्य सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं, इस बीच दो छात्र नेता समीप ही स्थित मोबाइल कंपनी के टावर पर चढ़ गए। जिन्हें उतारने के लिए कॉलेज प्रबंधन के साथ ही पुलिस और प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी। पांच घंटे से अधिक समय के बाद में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से 20 नवंबर को वार्ता कराने के आश्वासन पर छात्र मान गए। दोनों छात्रों को पुलिस, एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की मदद से नीचे उतारकर स्वास्थ्य जांच के लिए राजकीय जिला कोरोनेशन अस्पताल ले जाया गया। दोनों छात्र का स्वास्थ्य ठीक बताया गया।

बुधवार सुबह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत एनएसयूआई, सत्यम शिवम, आर्यन और अन्य छात्र संगठनों से जुड़े छात्र नेता डीएवी कॉलेज पहुंचे। छात्र नेताओं ने कॉलेज के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। उसके बाद धीरे-धीरे वहां अन्य छात्र भी पहुंचे और धरना प्रदर्शन भी शामिल हुए। कॉलेज प्रबंधन, पुलिस और प्रशासन से जुड़े अधिकारी छात्र नेताओं को धरना प्रदर्शन करने के लिए समझाते रहे, लेकिन वह ठोस आश्वासन न मिलने तक धरने पर अड़े रहे। इसी बीच लगभग 12 बजे दो छात्र नेता मनमोहन और आकिब अहमद समीप ही स्थित मोबाइल कंपनी के टावर पर चढ़ गए। सूचना पर पूर्व विधायक राजकुमार, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, संजय कनौजिया समेत अन्य नेता भी वहां पहुंचे और जिलाधिकारी से इस संबंध में वार्ता की।

सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, एसपी सिटी सरिता डोभाल, कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना, मुख्य नियंता डॉ. अतुल सिंह, इंस्पेक्टर डालनवाला एनके भट्ट और करनपुर चौकी प्रभारी दीपक रावत भी धरनास्थल पहुंचे। अधिकारियों ने छात्रों को टावर से उतरने के लिए समझाया, लेकिन वह ठोस आश्वासन मिलने तक अड़े रहे। शाम लगभग पांच बजे छात्र नेताओं की मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी से वार्ता हुई। छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से इस संबंध में 20 नवंबर को मुलाकात कराने के आश्वासन पर छात्र नेता धरना प्रदर्शन स्थगित करने को तैयार हो गए। जिसके साथ ही दोनों छात्र नेताओं को भी टावर से उतारा गया।

 

 

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