देहरादून

नशामुक्ति केंद्रों पर जिला प्रशासन के छापे, नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां  

देहरादून। नशा मुक्ति केंद्रों पर उड़ रही नियमों की धज्जियां, नशेडिय़ों के बीच ही महिलाआें और मानसिक रोगयिों को को देखकर जिला प्रशासन के अधिकारी दंग रह गए। शहर में अधिकांश नशा मुक्ति केंद्र नियमों के विरूद्ध पाये गए और कहीं भी इलाज कराने वाले किसी भी व्यक्ति का रिकार्ड नहीं मिला। जिलाधिकारी ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कमेटी का गठन कर सभी नशा मुक्ति केंद्रों की जांच—पड़ताल और नियम विरूद्ध चलने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार के निर्देश पर बुधवार  को नगर मजिस्टे्रट कुसुम चौहान एवं पुलिस अधीक्षक नगर सरिता डोभाल के संयुक्त नेतृत्व में जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग की टीम ने जनपद  में संचालित एसजी फाउण्डेशन एवं डिटॉक्स बालयान काम्पलेक्स नशामुक्ति केन्द्रों का औचक निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाआें का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान जांच टीम द्वारा केन्द्र का पंजीकरण एवं नियमानुसार संचालन होने, संचालक का पूर्ण विवरण एवं सत्यापन, नशामुक्ति केन्द्र कांउसिलिंग और चिकित्सकीय जांच के लिए  विशेषज्ञ चिकित्सक की नियुक्ति, केन्द्र में देखभाल के लिए कार्यरत स्टॉफ का विवरण एवं पुलिस सत्यापन, केन्द्रों की क्षमता के अनुसार रखे गये लोगों की जानकारी, केन्द्रों में रखे गये लोगों के साथ मारपीट एवं उत्पीड$न आदि बिन्दुआें पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की गई।
नशामुक्ति केन्द्र एसकाी फाउण्डेशन के निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया  कि नशामुक्ति केन्द्र में नशे के आदी व्यक्तियों के साथ—साथ मानसिंक रूप से विक्षिप्त लोगों को भी रखा गया है यह देखकर  नगर मजिस्टे्रट ने केन्द्र के संचालक को तुरन्त संबंधित के परिजनों से सम्पर्क करते हुए संबंधित व्यक्तियों को मानसिक चिकित्सालय में स्थान्तारित करवाने के निर्देश दिए तथा केन्द्र में भर्ती प्रत्येक व्यक्ति की भर्ती होने के तिथि से वर्तमान तक पूर्ण चिकित्सकीय जांच, कांउसिलिंग सहित पूर्ण विवरण की अलग—अलग पत्रावली बनाते हुए प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान  टीम ने पाया कि केन्द्र में पुरूष एवं महिलाएं रखी गयी है जिस पर संबंधित संचालक को निर्देशित किया गया कि महिलाआें को अलग भवन में रखा जाए अथवा उन्हें घर भेजने की कार्यवाही करें। उन्होंनें निर्देश दिए कि केन्द्र में प्रवेश से पूर्व सभी व्यक्तियों का चिकित्सकीय जांच अनिवार्यत: कराई जाए तथा समय—समय पर कराये जाने वाली चिकित्सकीय जांच संबंधी विवरण सहित प्रत्येक की अलग—अलग पत्रावली बनाई जाए।
नशामुक्ति केन्द्र डिटॉक्स बालयान काम्पलेक्स के निरीक्षण के दौरान टीम द्वारा पाया गया कि केन्द्र पर जहां व्यक्तियों को रखा गया है वहां पर पूर्ण वेटिनेशन ना होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए नगर मजिस्टे्रट कुशुम चौहान ने संबंधित  केन्द्र के संचालक को केन्द्र को बन्द करने के निर्देश देते हुए केन्द्र में भर्ती लोगों के परिजनों से सम्पर्क करते हुए सभी को घर भेजने की कार्यवाही कर बॉयलॉज के अनुसार संचालित करने के निर्देश दिये।
निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया  कि नशामुक्ति केन्द्र बायलॉज के अनुसार संचालित नहीं हो रहे हैं।  केन्द्र पर उपचार के लिए आने वाले चिकित्सकों का एमसीआई का सर्टीफिकेट नही दिखाया गया। केन्द्र में भर्ती व्यक्तियों का मेडिकल रिकार्ड का विवरण प्रस्तुत न करने तथा मूलभूत सुविधाएं नही पाई गयी, जिस पर केन्द्र संचालकों को समस्त विवरण प्रस्तुत करने के साथ ही नियमानुसार केन्द्र का संचालन करने के निर्देश दिए गए तथा नियमानुसार संचालन ना करने की दशा में विधिक कार्यवाही करने की चेतावनी दी गयी।
जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए नशामुक्ति केन्द्रों पर नियंत्रण के लिए कमेटी का गठन तथा सुधार के लिए दीर्घकालीन योजनाआें पर काम करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि केन्द्रों के संचालकों की जिम्मेदारी तय की जायेगी, जिससे केन्द्र पर अव्यवस्थाएं होने पर संबंधित संचालक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सके।  निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक नगर सरिता डोभाल, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, थाना प्रभारी नन्द किशोर भट्ट, थाना प्रभारी नेहरू कालोनी, सहायक समाज कल्याण अधिकारी एएएस नेगी एवं मानसी मिश्रा व जहांगीर आलम के अलावा पुलिस विभाग के कर्मचारी शामिल थे।
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