नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया में मंगलवार को टेस्ट इतिहास की सबसे यादगार जीत हासिल की। ब्रिसबेन में मेजबान टीम के खिलाफ चौथी पारी में 329 रन बनाकर मैच अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी पर लगातार दूसरी बार 2-1 से कब्जा जमाया। ब्रिस्बेन में खेले गए चौथे टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 3 विकेट से धूल चटाते हुए टेस्ट सीरीज 2-1 से जीत ली है। ब्रिस्बेन में 33 साल से ऑस्ट्रेलिया नहीं हारा था, लेकिन टीम इंडिया ने इसको भी मुमकिन कर दिखाया और गाबा के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत का अंत कर दिया देश वासियों को ब्रिसबेन में तिरंगा लहराकर गणतन्त्र दिवस से पहले जीत का शानदार तौहफा दिया।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज के आखिरी मुकाबले में नामुमकिन से लग रहे लक्ष्य को हासिल किया। मैच के पांचवें दिन 324 रन बनाकर वो कमाल कर दिखाया जो आज से पहले ब्रिसबेन के मैदान पर हुआ ही नहीं था। साल 1988 में आखिरी बार मेजबान टीम को वेस्टइंडीज की खतरनाक गेंदबाजी आक्रमण के सामने हार का सामना करना पड़ा था।
भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने इस ऐतिहासिक जीत के बाद ब्रिसबेन के मैदान पर तिरंगा लहराते हुए चक्कर लगाया। यह जीत उन तमाम भारत वासियों के लिए गणतन्त्र दिवस से पहले तौहफा था जो घर पर बैठे या स्टेडयम में टीम इंडिया का समर्थन कर रहे थे। ये उन सबके लिए था जिन्होंने चोट के बाद भी मैदान पर युवा कम अनुभवी टीम पर भरोसा जताया।
भारत ने पिछड़ने के बाद जीती सीरीज
भारतीय टीम सीरीज का पहला मैच हार गई थी और उसके बाद वापसी करते हुए इतिहास रचा। एडिलेड में भारत को 8 विकेट से हार मिली थी और दूसरी पारी में टीम महज 36 रन पर सिमट गई थी। अजिंक्य रहाणे ने विराट कोहली की गैर मौजूदगी में कमान संभाली और मेलबर्न में भारत 8 विकेट से जीता। 1-1 से सीरीज में बराबरी करने के बाद सिडनी टेस्ट ड्रॉ कराया और फिर ब्रिसबेन में जीत हासिल कर ऐसा कमाल किया जिसे हमेशा याद रखा जाएगा।
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