सहाना बनर्जी के सितार वादन से संगीतमय हुआ विरासत
विरासत में लोगो को खुब भाया देर्बाश्री भट्टाचार्य के रवींद्र संगीत
देहरादून । विरासत आर्ट एंड हेरीटेज फेस्टिवल 2022 के तीसरे दिन की शुरुआत ’विरासत साधना’ कार्यक्रम के साथ हुआ। विरासत साधना कार्यक्रम के अंतर्गत देहरादून के विभिन्न विद्यालयों के बच्चो ने खूबसूरती से अपनी शास्त्रीय नृत्य एवं कला का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में 12 विद्यालयो के 12 बच्चो ने प्रतिभाग किया। बच्चो ने भरतनाट्यम एवम कथक नृत्य की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम की शुरुवात में मनसा शर्मा(संत जोसेफ एकेडमी) ने अपनी भरतनाट्यम प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। उसके बाद श्रृष्टि दवेली ( राज हंस पब्लिक स्कूल) कथक, नंदिनी खंकवाल (कन्वेंटबॉफ जीसस एंड मेरी) भरतनाट्यम, स्नेहा बिस्वास( टच वुड स्कूल) कथक, पर अपनी प्रस्तुति दी। अंत में अंशिका चौहान ( हिल फाउंडेशन ग्रुप एजुकेशन) ने भरतनाट्यम नृत्य पर प्रस्तुति देकर कार्यक्रम का समापन किया। सभी प्रतिभागियों को विरासत साधना के आयोजक कल्पना शर्मा द्वारा सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।
सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ । सहाना बनर्जी द्वारा सितार वादन के प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम में उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुवात शुद्ध शास्त्रीय संगीत के घुन से की जिसमे उनका साथ शुभ महाराज ने तबले की ताल पर दिया । प्रस्तुतियों में उन्होंने राग मरू बिहाग , राग तिलक कमोद एवं अंत में राग मिश्र पल्लू से प्रस्तुति का समापन किया। सहाना जी की देहरादून के विरासत में यह पहली प्रस्तुति थी।
कार्यक्रम की आखिरी प्रस्तुति डॉ देर्बाश्री भट्टाचार्य द्वारा भारतीय शास्त्रीय संगीत पर दिया गया। उन्होंने अपनी प्रस्तुतियों की शुरुआत राग मालकोश से की । उसके बाद राग सोनी की एक ठुमरी उन्होंने दर्शकों को सुनाई। जिसमें उनका सहयोग प्रसिद्ध हारमोनियम वादक पारोमिता तथा लोकप्रिय तबला वादक मिथिलेश झा और उनके साथ योगेश खेतवाल , पारस उपाध्याय (तानपुरा) ने दीया। देर्बाश्री भट्टाचार्य जी ने स्वरमंडल संग अपनी गायकी का प्रदर्शन किया है और आखिर में राग परमेश्वरी पर एक भजन ने लोगों की प्रशंसा बटोरी और उन्होंने अपनी प्रस्तुति का समापन किया।
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