*विधानसभा चुनाव-2022 में पार्टी को जीत दिलाना नये सीएम के लिए होगी बड़ी चुनौती*
देहरादून। प्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। कई नामों को पछाड़कर गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत के नाम पर उत्तराखंड के सीएम के लिए मोहर लगा दी गई। शाम को 4:00 बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा। पूरे मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण आज होगा।अब मुख्यमंत्री ताज पहनने के बाद तीरथ सिंह रावत के कंधों पर आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की नैया पार लगाने की बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। ऐसे में उत्तराखंड में भाजपा विधायकों में पनपे असंतोष को काबू करने के लिए शीर्ष नेतृत्व ने भले ही मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया हो पर ऐसा भी नहीं कि इससे पार्टी की राह बहुत आसान हो जाएगी। उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। नए मुख्यमंत्री के सामने सरकार की छवि सुधारने, विधायकों को एकजुट रखने और पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने जैसी चुनौतियां खड़ी होंगी।मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने के पीछे सबसे बड़ी वजह आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाना है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि त्रिवेंद्र रावत के चेहरे पर चुनाव लड़ने से हार की आशंका है। इसके बाद पार्टी ने नए सीएम की घोषणा की । ऐसे में अब नए सीएम के सामने 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाना सबसे बड़ी चुनौती होगी। उत्तराखंड में पार्टी विधायक शुरू से ही अलग-अलग धड़े में बंटे हुए हैं। नरेंद्र मोदी और अमित शाह के डर से विधायक चार वर्ष तक उपेक्षा सहते रहे पर अब चुनावी वर्ष में प्रवेश के साथ ही विधायक मुखर हो गए हैं। राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के पीछे ये भी एक बड़ी वजह है। ऐसे में अब खेमों में बंटी पार्टी और विधायकों के साथ संवाद करना और उन्हें एकजुट रखना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
*तीरथ सिंह का राजनीतिक सफर*
तीरथ सिंह रावत 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक थे। तीरथ सिंह हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विधालय में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे हैं। इसके बाद 1997 में वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य निर्वाचित हुए तथा विधान परिषद् में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाए गए।
तीरथ सिंह रावत वर्ष 2000 में नवगठित उत्तराखंड के पहले शिक्षा मंत्री चुने गए थे। इसके बाद 2007 में भाजपा उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री चुने गए। इसके बाद 2013 उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे। वर्ष 2012 में चौबटाखाल विधानसभा से विधायक निर्वाचित होकर तीरथ सिंह रावत 2013 में उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने।
फरवरी 2013 से दिसंबर 2015 तक तीरथ सिंह उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे और चौबट्टाखाल से भूतपूर्व विधायक (2012-2017) है, वर्तमान में तीरथ सिंह रावत भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के साथ-साथ गढ़वाल लोकसभा से सांसद भी हैं। पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था।
—————————————————————-