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“किसी की जिंदगी में उजाला हो जाए तो इससे बड़ा पुण्य नहीं”

देहरादून । आंखें हैं तो जहान है। मेरी आंखों से किसी की जिंदगी में उजाला हो जाए तो इससे बड़ा पुण्य नहीं हो सकता। अपने पिता के जन्मदिन “5 फरवरी” से पूर्व यही संदेश देते हुए डोईवाला कालेज के पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि 26 वर्षीय युवा पुन्नीवाला (भोगपुर) निवासी अंकित तिवारी ने नेत्रदान का संकल्प लेते हुए ये बात कही है।  वर्तमान में अंकित तिवारी देहरादून स्थित कैलाश अस्पताल के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी प्रतिनिधि के पद पर कार्यरत हैं। अंकित तिवारी मां सुरकंडा देवी मंदिर पुन्नीवाला के पुजारी ललिता प्रसाद तिवारी के सुपुत्र हैं। अंकित तिवारी परिश्रमी, क्रांतिकारी विचारधारा के समर्थक, लेखन में रुचि रखने वाले, समाजसेवी हैं। जरूरतमंदों के लिए रक्तदान भी करते हैं।

अंकित तिवारी ने कहा कि आज देश में लाखों की संख्या में ऐसे लोग हैं, जो इस सुंदर संसार को देख नहीं पाते। हमारा एक छोटा सा संकल्प, एक छोटा सा प्रयास उन्हें एक नई रोशनी दे सकता है। उन्होंने कहा कि हमें आज यह प्रण लेना चाहिए कि हम कम से कम पांच-पांच व्यक्तियों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करेंगे और इसके बारे में फैली भ्रांतियों को समाज से दूर करने का प्रयास करेंगें।

उन्होंने कहा कि अंधमुक्त भारत की परिकल्पना को लेकर एक व्यापक अभियान चलाया जाएगा। जिसके माध्यम से समाज को नेत्रदान के लिए प्रेरित करने के लिए  मुहिम चलाई जाएगी।

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