सौंग घाटी घुत्तू क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित
जगदीश ग्रामीण
देहरादून। धनोल्टी, लोअर सकलाना, सौंग घाटी में सौंग नदी के कारण इस बरसात में जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोग कर रहे त्राहिमाम – त्राहिमाम। सडक चारो ओर से हुई बंद। लोग हुए गांवों में कैद। पैदल आने जाने तक का नहीं बचा हैं रास्ता।
बुद्धवार को ग्राम पंचायत “सेरा गांव” से सुरेंद्र सिंह ऐरला की पत्नी श्रीमती सरू देवी की अचानक रात मे तबियत बिगड़ गयी। रास्ता बंद होने से उन्हें चारपाई मे नदी नालो में जान जोखिम् मे डाल कर 10 किमी पैदल चल कर सौदना से देहरादून हॉस्पिटल तक पहुंचाया गया। दुर्भाग यह है की सौंग घाटी क्षेत्र में आज भी हॉस्पिटल नहीं है।
घुड़साल गांव के अरविन्द कंडारी ने बताया कि श्री क्षेत्र की जनता की आवाज शासन प्रशासन अथवा जनप्रतिनिधि कोई भी सुनने के लिए तैयार नहीं है। हम धरती के अंतिम छोर मे बसे हैं। यहां जीवन जीना किसी चुनौती से कम नहीं है। यह क्षेत्र आजादी के 75 वर्ष बाद भी आज तक मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस क्षेत्र में न तो अस्पताल है न सड़क है ना नेटवर्क है। सडक ना होने से सारे रिस्ते नाते सम्बन्ध फीके पड़ चुके हैं। लोग लगातार पलायन कर रहे हैं।
यह क्षेत्र धनोल्टी विधानसभा के अंतर्गत आता है। विधानसभा धनोल्टी के विधायक प्रीतम सिंह पंवार हैं। स्थानीय विधायक भी क्षेत्र की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं जिस कारण जनता में भारी रोष है । आज 21वी सदी में सौंग घाटी क्षेत्र में नेटवर्क तक नहीं है। न कोई हॉस्पिटल न कोई बैंक।
सरकार जहाँ गांव मे अनेक नीतियों के बड़े बड़े दावे करती है वहीं दूसरी तरफ सौंग घाटी जैसी घटना विधायक , विभाग और सरकार के गाल पर तमाचा है।
घुड़साल गांव के पूर्व प्रधान जय सिंह कंडारी का कहना है कि क्षेत्र मे सौंग बांध परियोजना के अधूरे कार्य से ग्रामीणों को बहुत परेशानिया हो रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सौंग बांध परियोजना को ड्रीम प्रोजेक्ट नाम देकर क्षेत्र के तमाम गांवों को नर्क मे धकेल दिया है। परियोजना से सम्बन्धित विभाग के कर्मचारी क्षेत्र के लोगो को मूर्ख बना रहे हैं। प्रभावितों की समस्याओं का समाधन न होने से क्षेत्र पिछड़ता जा रहा है। हमारी सम्बन्धित विभाग एव सरकार से क्षेत्रहित के लिए मांग हैं कि शीघ्र ही परियोजना से सम्बन्धित ग्रामीणों की मांग को पुरा किया जाय और मालदेवता से घूत्तू गन्धकपानी तक शीघ्र हीं सडक का निर्माण किया जाय।
क्षेत्र की ग्रामपंचायत सौंदना, तौलिया काटल, घुड़साल गांव, रगड़ गांव, पसनी, सेरा, ऐरल गांव, कुण्ड, बनाली सभी गांव बरसात मे कैद हो जाते हैं।
क्षेत्रवासी प्रेम सिंह, रविन्द्र कंडारी, जगदीश कंडारी, भरत सिंह कोठारी, जगमोहन सेन्द्री , रमेश ऐरला, विजय मनवाल, महेन्द्र सिंह नेगी, वीर सिंह सेन्द्री सहित अन्य को ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से शीघ्र ही समस्या के समाधान की मांग की है । क्षेत्र के युवा संदीप मनवाल, मुकेश पंवार, कुलदीप कंडारी, कान्हा कंडारी, अमन पंवार, मनोज महर, हरिपाल पंवार, दिनेश मनवाल, अनिल मनवाल, घनश्याम , रमेश नेगी, भरत नेगी आदि का कहना हैं अगर इस बार विधायक और सरकार ने क्षेत्र को अनदेखा किया तो हम धरना प्रदर्शन और हक की लड़ाई लड़ेंगे।
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