रामलीला में राम-भरत मिलाप ने दर्शकों को किया भाव विभोर
देहरादून। श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून” द्वारा गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी – पुरानी टिहरी की 1952 से होने वाली प्राचीन रामलीला को टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में 21 वर्षों बाद पुर्नजीवित करने का संकल्प लिया है। देहरादून के टिहरी-नगर के आजाद मैदान अजबपुर कलां, दून यूनिवर्सिटी रोड़ में 11 दिन की रामलीला का आयोजन किया जा रहा है।
समिति के अध्यक्ष अभिनव थापर ने बताया कि रामलीला के पंचम दिवस केवट–लीला व राम–भरत मिलाप का सुंदर मंचन हुआ। रामलीला मंच पर नांव, नदी और बैकग्राउंड स्क्रीन में सरयू नदी ‘के दृश्य में तकनीक के प्रयोग से केवट–लीला का अभूतपूर्व मंचन किया गया। दर्शक अद्धभुत तकनीक युक्त नांव – सरयू नदी के दृश्य में मंत्रमुग्ध हो गए। राम-भरत मिलाप ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। बैकग्राउंड स्क्रीन पर सरयू नदी और मंच पर नाव-नदी का तकनीकी संयोजन आज की लीला का मुख्य आकर्षण केंद्र रहा।
इस मौके पर समिति की ओर से सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, मेयर सुनील उनियाल “गामा”, राजीव जैन, विशाल गुप्ता आदि का सम्मान किया गया।