देहरादून

जटिल कीहोल सर्जरी से निकाला ब्रेन का ट्यूमर

मैक्स अस्पताल के डाक्टरों की टीम ने किया 44 वर्षीय महिला मरीज का इलाज
वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा. एके सिंह ने पत्रकार वार्ता में दी जानकारी
देहरादून । मैक्स अस्पताल के डाक्टरों ने 44 वर्षीय एक महिला मरीज के दिमाग से ट्यूमर हटाने के लिए जटिल ब्रेन सर्जरी की है। मस्तिष्क के आसपास रक्त वाहिकाआें व तंत्रिकाआें को कम नुकसान पहुंचे इसलिए यह सर्जरी आंख, कान व नाक में मौजूद छोटे छिद्र अथवा शरीर के किसी हिस्से में छोटा छिद्र कर की जाती है। जिसके जरिए ब्रेन ट्यूमर को निकाला जाता है। अस्पताल के मेडिकल एडजवाइजर व वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा. एके सिंह, डा. कुंज बिहारी व उनकी टीम ने यह जटिल सर्जरी की है। डाक्टरों का दावा है कि प्रदेश में इस तरह की यह पहली कीहोल सर्जरी है।
बृहस्पतिवार को सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में डा. सिंह ने बताया कि महिला को पिछले तीन साल से सिर में दर्द की शिकायत थी। कुछ समय पहले से उनकी दाहिनी आंख में भी दिक्कत आनी शुरू हो गई। मस्तिष्क की एमआरआई जांच करने पर पता चला कि महिला की नाक व ऑरबिटल केविटि पर एक बड़ा ट्यूमर है जो कि दाहिनी आेर की आप्टिक तंत्रिका पर दबाव डाल रहा है। अनुभवी सर्जरों की टीम ने एक जटिल आपरेशन (कीहोल सर्जरी) के जरिए इस ट्यूमर को निकाला। सर्जरी के बाद महिला मरीज को सिर्फ एक ही रात को आईसीयू में रका गया और तीसरे दिन डिस्चार्ज कर दिया गया। महिला अब स्वस्थ्य है। डाक्टरों ने बताया कि कीहोल सर्जरी कई प्रकार से हो सकती है, जिसमें मरीज की आंख व नाक के उपरी हिस्से अथवा शरीर के किसी अन्य हिस्से में छोटा सा चीरा लगाया जाता है। इस तरह की सर्जरी मस्तिष्क को चोट से बचाती है तथा जल्द रीकवर हो जाती है। इस सर्जरी में मस्तिष्क की सामान्य संरचनाआें के साथ संपर्क भी कम होता है और मरीज को दर्द भी कम। एन्यूरिज्म को क्लिप करने के लिए भी  कीहोल सर्जरी का उपयोग करते हैं, क्योंकि यह पोस्ट आपरेटिव वैसोस्पास्म या धमनियों के सिकुड$न को कम करने में मदद करता है और मस्तिष्क से छेड़छाड़ भी कम होती है। इस दौरान अस्पताल के वाइस प्रेसीडेंट डा. संदीप सिंह तंवर आदि भी मौजूद रहे।

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