धर्म-संस्कृति

शाकिर खान और अश्विनी की शास्त्रीय संगीत प्रस्तुति ने दिल जीता

देहरादून। विरासत आर्ट एंड हेरीटेज फेस्टिवल 2022 के छठवें  दिन की शुरुआत ’विरासत साधना’ कार्यक्रम के साथ हुआ। ’विरासत साधना’ कार्यक्रम के अंतर्गत आर्ट एंड क्राफ्ट वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें देहरादून के कई फाउंडेशन एवं विद्यालय के बच्चो ने प्रतिभाग लिया। 
सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ । उसके बाद शाकिर खान शास्त्रीय संगीत प्रस्तुत किया ।  उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत राग बागेश्वरी से की । पहले उन्होंने अलाप से शुरू किया, फिर उसके बाद विलंबित और आखिर में उन्होंने लोकगीत से प्रस्तुति का समापन किया। शुभ महाराज (तबला) ने प्रस्तुति में उनका साथ दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्य प्रस्तुतियों में अश्विनी द्वारा राग भूपाली में शास्त्रीय संगीत की शुरुआत हुई एवं उसके बोल रूपक ताल वबोस थे “अब मान ले…“ इसके बाद मध्य ले, “इतनु जोबन पर मान न करें“ उनकी अगली प्रस्तुति राग पराज में एक बंदिश थी, “पवन चलत अली की परकृ“ और तराना के साथ द्रुत तीन ताल में समापन हुआ। उनके साथ गायन पर रुतुजा लाड, तबला पर पं मिथिलेश झा और हारमोनियम पर परोमिता मुखर्जी थे।
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