साहित्य

‘भैर बिटि खोल चढयां भितर गदेला फट्यां छन…’ अखिल गढवाल सभा के गढ़वाली कवि सम्मेलन में कवियों ने किया कविता पाठ

देहरादून।  अखिल गढ़वाल सभा देहरादून की ओर से आयोजित कौथिग 2022 (उत्तराखंड महोत्सव) में मंगलवार की सुबह के कार्यक्रम में विद्यालयों की चित्रकला प्रतियोगिता 3 वर्गों में आयोजित की गई। जिसमें इसिका, इकरा खान और वैश्णवी शर्मा ने अपने-अपने ग्रुपों में प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि आंचल, विदित सिंह और स्नेहा शर्मा ने दूसरा तथा अनुष्का रावत, समृद्धि राणा, स्नेहा शर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। राबिया राणा, इकरा और सबा अंसारी को सांत्वना पुरस्कार मिला। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम में गढ़वाली कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विधायक डोईवाला बृजभूषण गैरोला और विशिष्ट अतिथि के रुप में आई एस अधिकारी दीपक गैरोला ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। कवि जय विशाल गढदेश,  जगदंबा प्रसाद चमोला, दिनेश ध्यानी, ओम प्रकाश सेमवाल, डॉ नीता कुकरेती,  लोकेश नवानी,  गिरीश सुंद्रियाल,  मदन मोहन डुकलान, डॉ कुसुम भट्ट, हरीश जुयाल ‘कुटज’, धर्मेंद्र नेगी ने कविता पाठ किया।

कार्यक्रम में सभा के अध्यक्ष श रोशन धस्माना, महासचिव गजेंद्र भंडारी, डॉ सूर्य प्रकाश भट्ट, दामोदर प्रसाद सेमवाल, वीरेंद्र असवाल, श्रीमती द्वारिका बिष्ट, साहित्य सचिव हेमचंद्र सकलानी आदि मौजूद रहे।

कवि दिनेश ध्यानी की कविता —
मठू मठू कै जरा जरा कै की
नाता – रिश्ता हरचणा छन
पीठी का अपणा भै दगडया
घडि य स्वारा हुणा छन

कवि जगदंबा चमोला जी की कविता —
क्या नि रौंद छो तौंका छौन्द
बौडा क्वां तै साल्या बौंण

कवि मदन डुकलाण की कविता —
वा बण मा घास कटद
अर बण होर हैरो ह्वे जान्द
वींका आख्यूं आंसू ब्वगद
अर समोदर और गैरो ह्वे जान्द

कवि डा. कुसुम भट्ट की कविता —
भैर बिटि खोल चढयां
भितर गदेला फट्यां छन
भैर बिटि खित हैसणा
भितर अंदडा फुम्याँ छन

कवि लोकेश नवानी की कविता —
एक बेटी हैंसलि
त एक ख्वाल हैंसलू
एक गों हैंसलू
एक मुलक हैंसलू

————–

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *