प्रदेश में कम हो रहा कोरोना संक्रमण, 1156 नए मामले, 44 की मौत
3039 संक्रमित मरीज ठीक हुए, रिकवरी रेट हुआ 87.69 फीसद
देहरादून में 205, ऊधमसिंहनगर में 173 व नैनीताल में 161 केस
देहरादून । उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ती जा रही है। सोमवार को यहां पर कोरोना के 1156 नए मामले मिले हैं, जबकि 3039 संक्रमित मरीज ठीक भी हुए हैं। वहीं 44 संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। इस तरह प्रदेश में कोरोना के मरीजों का कुल आंकड़ा बढक़र 329494 तक पहुंच गया है। कुल संक्रमितों में से 288928 लोग ठीक हो चुके हैं। मरीजों का रिकवरी रेट बढक़र 87.69 फीसद हो गया है। वर्तमान में कोरोना के 28371 एक्टिव केस हैं। वहीं कोरोना संक्रमित 6452 मरीजों की मौत भी अब तक राज्य में हो चुकी है। आज जिन 44 संक्रमित मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ा उनमें सबसे अधिक 21 मौतें देहरादून जिले में हुई हैं। इसके अलावा ऊधमसिंहनगर में आठ, नैनीताल में सात, हरिद्वार में चार, पौड़ी, पिथौरागढ़ व रुद्रप्रयाग में एक-एक मरीज की मौत हुई है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को अलग—अलग लैबों से 30466 सैंपलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। जिनमें 1156 मामलों में रिपोर्ट पॉजीटिव और 29310 की निगेटिव आई है। देहरादून में सबसे अधिक 205 लोग संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा ऊधमसिंहनगर में 173, नैनीताल में 161, हरिद्वार में 105, पौड़ी में 84, अल्मोड़ा में 82, पिथौरागढ़ में 74, चमोली में 64, उत्तरकाशी में 5, बागेश्वर में 47, टिहरी में 42, रुद्रप्रयाग में37 और चंपावत में 32 लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आई है।
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23 और लोगों में ब्लैक फंगस की पुष्टि
देहरादून। कोरोना संक्रमण की मंद पड़ती रफ्तार से राहत जरूर है, लेकिन ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) चुनौती बनता जा रहा है। रोजाना इस बीमारी के नए मरीज मिलने से स्वास्थ्य महकमा भी हलकान है। सोमवार को प्रदेश में ब्लैक फंगस के 23 और मामले मिले हैं, जबकि दो मरीजों की मौत हुई है। इस तरह ब्लैक फंगस के 221 मामले मिल चुके हैं। इनमें से 17 मरीजों की मौत हो चुकी है और 13 लोग ठीक हो चुके हैं। एम्स ऋषिकेश में अभी तक सबसे अधिक 14 मरीज भर्ती हुए हैं। वहीं हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में 26, श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में 15 व दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में ब्लैक फंगस से पीडि़त 11 मरीज भर्ती हो चुके हैं। वहीं नैनीताल में भी ब्लैक फंगस के 16 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि ऊधमसिंहनगर व उत्तरकाशी में भी एक-एक मामला सामने आया है।
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