भाजपा के वरिष्ठ नेता व टिकट की दौड़ में शामिल रहे दिनेश रावत पार्टी के फैसले से नाराज
बोले जनभावनाओं का आदर करते हुए परिवारवाद व भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव
देहरादून । भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए प्रत्याशियों के नाम घोषित किए जाने के बाद से अलग—अलग सीटों पर बगावत होने लगी है। इस क्रम में देहरादून कैंट सीट पर भी टिकट की दौड़ में शामिल रहे भाजपाईयों की नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है। भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के पूर्व संयोजक व रेशम फेडरेशन के निदेशक दिनेश रावत ने भी निर्दलीय मैदान में उतरने का एेलान किया है। कहा कि परिवारवाद व भ्रष्टाचार के खिलाफ वह कैंट सीट से चुनाव लड़ेंगे। टिकट वितरण में निष्ठावान, ईमानदार व समर्पित कार्यकर्ताआें की अनदेखी करने का आरोप भी उन्होंने पार्टी पर लगाया है।
शुक्रवार को पटेलनगर स्थित एक रेस्तरां में आयोजित पत्रकार वार्ता में भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि वह पिछले कई साल से पार्टी से जुड़े हुए हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुडक़र उन्होंने अपने राजनीतिज्ञ करियर की शुरुआत की थी। वर्तमान में पूरा परिवार भाजपा से जुड़ा हुआ है। कैंट विधानसभा क्षेत्र से चार बार भाजपा से टिकट के लिए दावेदारी की, लेकिन हर बार उनका टिकट काट दिया गया। इसके बावजूद भी पूरी तरह समर्पित होकर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को चुनाव जिताने का काम किया। कहा कि कैंट सीट पर पिछले चार दशक से एक ही परिवार की राजनीतिक विरासत चल रही है। इससे नए कार्यकर्ताआें को मौका नहीं मिल पा रहा है। जबकि कार्यकर्ता परिवारवाद से हटकर किसी नए चेहरे को चुनाव मैदान में उतारने का अनुरोध पार्टी आलाकमान से करते रहे हैं।
क्योंकि भाजपा का स्लोगन भी राजनीति में परिवारवाद पर भरोसा करने का नहीं है। इन सबके बावजूद कैंट विधानसभा से इस बार भी एेसे प्रत्याशी को टिकट दिया गया है जिनकी पार्टी में कोई सक्रिय भागीदारी नहीं रही है। प्रत्याशी की पहचान सिर्फ यह है कि वह दिवंगत विधायक हरबंस कपूर की पत्नी है। जबकि कपूर परिवार पर छात्रवृत्ति घोटाले का गंभीर आरोप है। फिलवक्त यह मामला न्यायालय में चल रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी के फैसले से कार्यकर्ताआें में घोर निराशा है। इसलिए उन्होंने जनभावनाआें का आदर करते हुए निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। पत्रकार वार्ता में तमाम समर्थक भी उनके साथ मौजूद रहे।