उत्तराखंड

बिजली कर्मचारी हड़ताल पर, कई क्षेत्रों की बिजली गुल

देहरादून। उत्तराखंड सरकार बिजली कर्मचारियों को मनाने में फ्लाप हुई और सोमवार की मध्यरात्रि के बाद प्रदेश भर के करीब 3500 से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। बिजली आपूर्ति बाधित होने पर वैकल्पिक व्यवस्था क्या होगी, शायद इसका भी होमवर्क नहीं किया गया है। ऐसे में यदि कहीं बिजली आपूर्ति बाधित होती है, तो उसे सुचारु करने में भी दिक्कत हो सकती है। क्योंकि कर्मचारी कह चुके हैं कि हड़ताल के दौरान वे किसी फाल्ट को दुरुस्त नहीं करेंगे। साथ ही उपभोक्ताओं को भी हड़ताल के चलते मानसिक रूप से तैयार रहना होगा। कहीं, ऐसा न हो कि आपके बिजली उपकरण हड़ताल की अवधि में करंट के बगैर ठप हो जाएं। दिन चढ़ने के साथ हड़ताल का असर दिखना शुरू हो गया। विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन भी प्रभावित होने लगा है। कई इलाकों में बिजली गुल हो गई है। हालांकि बिजली दफ्तरों में कुछ संविदा कर्मी तैनात हैं। वहीं, कई सब स्टेशनों में ताले लटकने लगे हैं।
उत्तराखंड के नए सीएम पुष्कर धामी की ये सबसे बड़ी परीक्षा का भी समय है। क्योंकि आवश्यक सेवाओं वाले विभाग के कर्मचारी यदि हड़ताल पर चले जाएं तो स्थिति विकट हो सकती है। एसीपी की पुरानी व्यवस्था की बहाली और समान काम के लिए समान वेतन समेत 14 सूत्रीय मांगों को लेकर शासन के साथ सोमवार पूरे दिनभर बिजली कर्मचारियों की वार्ता होती रही। देर रात्रि तक वार्ता के बावजूद समाधान की राह नहीं निकली। शासन ने मांगों को मानने के लिए मंगलवार को होने वाले कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव रखने का भरोसा भी दिया, लेकिन कार्मिकों ने इसे नाकाफी माना।
हालांकि ऊर्जा सचिव सौजन्या ने कहा कि कर्मचारी संगठनों ने मंगलवार सुबह शासन के प्रस्ताव पर विचार करने का भरोसा दिया है। उधर, उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने हड़ताल प्रारंभ कर दी।
मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना में उत्पादन ठप
मनेरी भाली प्रथम और द्वितीय जल विद्युत परियोजना में उत्पादन ठप कर दिया गया है। इससे राज्य सरकार को करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। वहीं, जिला मुख्यालय सहित जनपद के भटवाड़ी, पुरोला, नौगांव, बडकोट, चिन्यालीसौड़ सहित ग्रामीण क्षेत्रों पिछले एक घंटे से बिजली आपूर्ति ठप है। विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल के कारण फाल्ट का भी पता नहीं चल पा रहा है। सुबह-सुबह बिजली गुल होने से स्थानीयजन खासे परेशान हो गए हैं।

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