देहरादून

पुलिस के हत्थे चढ़ा नशा मुक्ति केंद्र का संचालक

देहरादून। नाबालिग से दुष्कर्म और मारपीट के मामले में फरार चल रहे क्लेमेन्टाउन स्थित वॉक एन विन सोबर लिविंग होम नशा मुक्ति केन्द्र के संचालक विद्या दत्त रतूड$ी को पुलिस ने ऋषिकेश रोड श्यामपुर के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया है।
बीते पांच अगस्त की शाम को क्लेमेंटाउन स्थित वॉक एन विन सोबर लिविंग होम नशामुक्ति केंद्र से चार नाबालिग भाग गई थी। नशा मुक्ति केन्द्र की संचालिका विभा सिंह की शिकायत पर चारों की गुमशुदगी दर्ज की गई। चारों को पुलिस ने 24 घंटे के भीतर सकुशल बरामद कर लिया। उन्होंने पुलिस को बताया कि केन्द्र के संचालक विद्यादत्त रतूड$ी उनके साथ छेड$छाड$ और मारपीट करते थे। एक नाबालिग ने बताया कि विद्या दत्त रतूड$ी ने उससे दुष्कर्म किया है। दुष्कर्म की बात जब उसने संचालिका विभा सिंह को बताई तो विभा ने भी उन्हीं के साथ मारपीट की। मामले में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उसी दिन संचालिका विभा सिंह को गिरफ्तार कर लिया। जबकि केन्द्र संचालक विद्यादत्त रतूड$ी फरार हो गया था।
मुखबिर की सूचना पर सोमवार को आरोपित विद्या दत्त रतूड$ी को ऋषिकेश रोड श्यामपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी विद्यादत्त रतूड़ी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसके पिता एयरफोर्स में कर्मचारी थे। वह पिता के साथ कानपुर में रहता था। वहां से ही उसे शराब की लत लग गई। इस दौरान टिहरी में भी एक महिला के साथ उसका संबंध रहा। जिसके चलते वर्ष 2017 में टिहरी से जेल भेजा गया। परिवार वालों ने परेशान होकर वर्ष 2018 में नशा मुक्ति केंद्र एसजी फाउंडेशन सरस्वती विहार देहरादून में भर्ती कराया। जहां पर अपने नशे के इलाज के दौरान ही उसी नशा मुक्ति केंद्र में स्टाफ के रूप में काम करना शुरू कर दिया। वहां करीब तीन साल तक बतौर स्टाफ काम किया। इसी नशा मुक्ति केन्द्र में विभा सिंह शराब पीने की लत के कारण भर्ती हुई थी। जिससे उसकी अच्छी जान पहचान हो गई। वहीं पर विभा और उसने अपने नशा मुक्ति केंद्र खोलने का प्लान बनाया। जिसके बाद इसी साल फरवरी में प्रकृति विहार क्लेमेंट टाउन में अपना नशा मुक्ति केंद्र खोला। जहां पर भर्ती नाबालिग 5 अगस्त को भाग गई। उनके भागने पर उसे पहले से ही डर था कि कहीं उसके गलत काम के बारे में चारों नाबालिग किसी को बता न दें। जब विभा पुलिस को नाबालिगों के भागने की सूचना देने गई तो वह थाने के अंदर नहीं गया और बाहर ही रूका रहा। जब चारों नाबालिग बरामद हो गई तो उसने अपने फोन से दोनों सिम निकाल दिए और गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गया।
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