पर्यावरण संकट के मूल में मानव भोग प्रवृत्ति: आचार्य मंमगाई
देहरादून। मानव का मन बुद्धि पर हावी होकर अपने लिए भोग के साधन जुटाता है। वर्तमान में मन की वृति तथा बौद्धिक क्षमता के परिणाम पर्यावरण प्रदूषण के रूप में स्पष्ट नजर आते हैं। यह बात रविवार को विश्व कल्याण के लिए पर्यावरण संरक्षण सामाजिक कुरीतियों को मिटाकर सुधार लाने के लिए सरस्वती विहार विकास समिति एवं मंदिर समिति के द्वारा आयोजित शिव पुराण की कथा में ज्योतिष्पीठ व्यास पद से अलंकृत आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने कथा के माध्यम से कहीं। इस दौरान समिति के द्वारा एक बहुत बड़ी कलश यात्रा जो सरस्वती विहार के ई ब्लॉक से लेकर ए ब्लॉक के मुख्य मार्गो से होते हुए अनेक लोगों ने जहां स्वागत किया वही पीत वस्त्र में सैकड़ों की संख्या में महिला शिर पर कलश लिए उनके आगे-आगे झांकी शिव पार्वती शिवगणो का नृत्य व झांकी तथा ढोल दमाऊ की थाप पर झूमते पुरूष बच्चे नजर आये। वहीं बेद ध्वनी के साथ जलाभिषेक हुआ।
आज विशेष रूप से समिति के अध्यक्ष पंचम सिंह बिष्ट सचिव गजेंद्र भंडारी, रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएस चौहान,उपाध्यक्ष कैलाश तिवारी, कोषाध्यक्ष विजय सिंह रावत, वरिष्ठ मंत्री अनूप सिंह फर्त्याल, शिव शक्ति मंदिर मंदिर संयोजक मूर्ति राम बिजलवान, सह संयोजक दिनेश जुयाल, कनिष्ठ मंत्री सुबोध मैठानी, पार्षद विमल उनियाल , प्रचार सचिव सोहन सिंह रौतेला, पूर्व अध्यक्ष बीपी शर्मा ,पूर्व कोषाध्यक्ष मंगल सिंह कुट्टी ऑडिटर पीएल चमोली, पुष्कर सिंह नेगी, गिरीश डियौडी, वेद किशोर शर्मा, करण सिंह राणा, जय प्रकाश सेमवाल, पुष्कर सिंह गुसाईं कैलाश रमोला श्री नितिन मिश्रा, एस एस नेगी, सुमेर चंद रमोला, कूमेर चंद रमोला, आचार्य राकेश बहुगुणा आचार्य संदीप बहुगुणा, आचार्य कमल किशोर, आचार्य शिवप्रसाद सेमवाल राजेन्द्र डिमरी आचार्य हिमांशु मैठानी शिव शक्ति मंदिर के आचार्य उदय प्रकाश नौटियाल, सुशांत जोशी, देवेंद्र भंडारी, श्रीमती हेमलता नेगी, श्रीमती मधु गुसाईं, श्रीमती सुदेश बाला गुप्ता, श्रीमती संगीता सेमवाल आदि उपस्थित थे।
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