ग्राफिक एरा में सिल्वर जुबली रीयूनियन का आगाज़
देहरादून। ग्राफिक एरा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डा. कमल घनशाला ने कामयाबी का मंत्र बताते हुए कहा कि जिन्दगी में संघर्ष के साथ-साथ मौज मस्ती भी जरूरी है। दर्शकों की फर्माइश पर उन्होंने एक के बाद एक कई मधुर गीत सुनाकर शाम को यादगार बनाया।
ग्राफिक एरा में रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में सिल्वर जुबली रीयूनियन का आयोजन किया गया। देश-विदेश से इस कार्यक्रम में शामिल होने आये छात्र-छात्राएं अब कई बड़ी कम्पनियों में उच्च पदों पर कार्यरत हैं।
इस अवसर पर ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के केपी. नौटियाल आडिटोरियम में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। चेयरमैन डा. कमल घनशाला ने ग्राफिक एरा के पहले बैच 1998 को सम्बोधित करते हुए कहा कि संघर्ष करे बिना कामयाबी नहीं मिलती, संघर्षों को दिलचस्प बनाने के लिए मनोरंजन भी जरूरी है। इस मौके पर चेयरमैन डा. कमल घनशाला ने साहिर लुधियानवी की गजल सुनाकर ’संसार की हर शह का बस इतना सा फसाना है, एक धुंध से आना है एक धुंध में जाना है’ दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। इसके बाद पूर्व छात्र-छात्राओं की फर्माइश पर ’ये शाम मस्तानी, मदहोश किए जाय’ गीत सुनाया। अपने कल के कठोर अनुशासन वाले शिक्षक को तरन्नुम में गाते देखकर अतीत के छात्र और आज के प्रोफेशनल नाचने झूमने लगे।
कार्यक्रम में नंदाज टीम के गीत, सहिल कठैत के क्लासिकल डांस और राहुल पाण्डे के डांस को भी खूब पसंद किया गया।
उधर ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में भी रोचक गतिविधियों का आयोजन किया गया। इसमें क्रिकेट के मुकाबले और विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टाल शामिल रहे। पूर्व छात्र-छात्राएं भी दोस्तों के साथ पुराने पलों को फिर से जीते हुए नज़र आए।
कार्यक्रम में ग्राफिक एरा ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस की वाईस चेयरपर्सन राखी घनशाला, दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह और डा. संजय जसोला भी मौजूद रहे।
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