गैरसैंण में बनेगा चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय
डीएम को दिए जमीन तलाशने के निर्देश
राज्य में स्थापित की जाएगी चार नई चाय फैक्ट्रियां
देहरादून। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिलाधिकारी चमोली को इसके लिए जमीन तलाशने के निर्देश दिए हैं। किसानों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए राज्य में चार नई फैक्ट्रियां स्थापित की जाएगी। गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सीएम आवास में चाय विकास बोर्ड की बैठक आयोजित हुई। जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य में चार नई फैक्ट्रियां स्थापित की जाए। चाय बागानों से उत्पादित हरी पत्तियों के न्यूनतम विक्रम मूल्य निर्धारित करने हेतु एक समिति गठित की जाए। यह समिति प्रत्येक वर्ष न्यूनतम विक्रम मूल्य निर्धारित करेगी। उन्होंने कहा कि चाय विकास बोर्ड द्वारा टी—गार्डन विकसित कर काश्तकारों को सौंप दिया जाए। इसके लिए गले एक माह में एक व्यवहारिक मॉडल तैयार कर कार्ययोजना तैयार की जाए। इस मॉडल को तैयार करने में काश्तकारों के सुझावें को भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में जो निजी चाय फैक्ट्रियां बंद है, उन्हें चलाने के लिए भी प्रयास किए जाए। मालिक के चलाने में सक्षम न होने पर बोर्ड द्वारा इन्हें चलाने के प्रयास किए जाए। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और उन्हें आजीविका का साधन मिलेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों को राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टी—टूरिज्म पर भी फोकस करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल, चाय विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष गोविंद सिंह पिल्खवाल, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव आनंद वर्धन, सचिव उद्यान हरवंस सिंह चुघ आदि अधिकारी मौजूद रहे।
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