धर्म-संस्कृति

कृष्ण भक्ति में डूब जाना ही महारास : बजरंगी महाराज

देहरादून। कृष्ण भक्ति, प्रेम और विरह में जब राधा सहित गोपियां बैचेन होने लगीं तो भगवान कृष्ण ने शरद पुर्णिमा के दिन मधुर बंसी बजाकर सभी गोपियों का महारास के लिए आह्वाहन किया और कामदेव को आदेश दिया कि बिना काम भावना के ही आत्माओं का महारास में प्रवेश हो। कृष्ण ने सभी गोपी रूपी आत्माओं के संग प्रति गोपी के साथ अलग-अलग कृष्ण के अनेकों रूप रचकर महारास किया। कथा व्यास बजरंगी महाराज ने श्रीऋषि आश्रम खुडबुडा में भागवत कथा में कहीं। इस अवसर पर आज जगदाचार्य स्वामी श्री उपेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज पीठाधीश्वर, श्री महामण्डलेश्वर स्वामी श्री विद्या चैतन्य श महाराज संचालक एवं प्रबंधक स्वामी आराध्या सरस्वती, मुख्य यजमान ई. चंद्र मोहन अग्रवाल सपरिवार सहित उपस्थित थे । इस दौरान संगीतमय भजनो पर सभी भक्तो ने भावविभोर होकर तालियों व झूम झूम और नृत्य कर आनंद लिया ।
इस अवसर पर  महामन्त्री मनमोहन शर्मा, संयोजक व प्रचार मंत्री सत्य प्रकाश गोयल, सह संयोजक बालेश गुप्ता, रजनीश गुप्ता, श्रवण कुमार तिवारी (पुजारी) सुरेन्द्र गोयल, देश बन्धु गोयल, दिनेश बंसल, मीडिया प्रभारी गिरिधर शर्मा एवम प्रवीण गुप्ता और महिला मंडल से श्रीमती मीना सिंघल, विमला गौड, कंचन आनन्द, ममता अग्रवाल देवरानी, बीना अग्रवाल, पुष्पा शर्मा, प्राची मित्तल व सरला शर्मा सहित सैकड़ों भक्त जन उपस्थित थे ।
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